जब से प्रभु तेरा साथ मिला
अब आ गया है जीना मुझे
कल तक था बिन पेंदे का लोटा
अब सही आधार मिला
दर्द से चूर गम में डूबा हुआ
बीच मंझधार में जैसे डूबता हुआ
अबकी बार मै पार लगा
जब से गुरु तेरा हाथ मिला
न मंजिल का पता था
न कोई ठिकाना
देखो मुझे अब के ठोर मिला
टूटा हुआ था मै सितारा
उसमे एक तार न था
न सुर था न ताल था
अब के मै निहाल हुआ
जब से प्रभु तेरा साथ मिला
ठोकरे खाई गिरा और संभला
अब के बार मै पार हुआ
जब से तेरी भरपूर शक्ति का साथ मिला
आशीष