कभी हँसाते कभी रुलाते
तरह तरह के रूप दिखाते
कभी कालिया नाग हराते
कभी सत्य का पथ दिखलाते
महाभारत भी वो करवाते
गीता उपदेश वो दे जाते
कभी बाबा जी बन के आते
या फिर योगानान्दा को पहुंचाते
सच्चे भक्त को दिख जाते
ॐ प्रेम ब्रह्म का मंत्र सुनबाते
परमब्रह्म की राह दिखाते

ॐ प्रेम - आशीष