वक़्त की नौका अपने ही हाथो मे है
पतवार से रुख बदलना अपने ही हाथो मे है
व्यस्त जीवन मे कुछ वक़्त परमात्मा को पाने मे लगाये
कयोकि यह डोर उसके ही हाथो मे है
आशीष